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दो सप्ताह में 6 किलो वजन कम कैसे करें-How 6kg Weight Loss in Two Weeks

How 6kg Weight Loss in Two Weeks दो सप्ताह में 6 किलो वजन कम कैसे करें :- अब तक, हम अपने भोजन में स्वाद जोड़ने के लिए जीरा का उपयोग करते थे।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके पेट की चर्बी को काटने में भी मदद कर सकता है।   जीरा में कई ऐसे गुण होते हैं जो तेजी से वजन कम करने में आपकी मदद करते हैं और आपके शरीर को साफ करने में भी मदद करते हैं।  यहां तक ​​कि एक चुटकी जीरा भी आपको काफी वजन कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन आपको इस पर विश्वास करने की कोशिश करनी होगी!   इस वीडियो में, हम आपके साथ एक जादुई पेय साझा करेंगे, जो जीरा के साथ बनाया गया है, जो आपको किसी भी अन्य पेय की तुलना में कम से कम 3 गुना तेजी से वजन कम करने में मदद कर सकता है।  हमें सोने से पहले इस ड्रिंक को तैयार करना है और रात भर रखना है।  फिर हमें अगली सुबह इसे खाली पेट पीना है।   हम एक गिलास ताजा पानी लेंगे।  यह पानी कमरे के तापमान पर है। अब हम इस पानी में एक बड़ा चम्मच जीरा भिगोएँगे।  जीरा हमारे मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाता है जिससे कैलोरी बहुत तेजी से बर्न होती है।  यह न केवल वजन घटाने में मदद करता है

हींग (Asafoetida in Hindi)

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हींग (Asafoetida)

चलिए जानते है कुछ  हींग के बारे में :- हींग हर घर में पाई जाती है। यह न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि सुपाच्य  भी बनाती है। वैसे कई लोग हींग को केवल रसोईघर का मसाला समझते हैं और इसके औषधीय महत्त्व  से परिचित नहीं हैं। बाराहमासी (Perennial) हींग की खेती ज्यादातर  काबुल और खुरासान, ईरान, अफगानिस्तान, तुर्केमिस्तान, बलूचिस्तान आदि देशों के पर्वतीय क्षेत्रों में होती है। भारत के कश्मीर और पंजाब राज्य के कुछ हिस्सों में भी हींग की खेती की जाती है।


हींग के पत्तों और छाल में हल्की सी चोट देने से भी दूधनुमा पदार्थ निकलता है, जिसे पेड़ों की छाल या पत्तों पर सुखा लिख जाता है। सूखने के बाद हींग (Hing) तैयार होती है। सौंफ प्रजाति के इस पौधे की ऊंचाई 1 से 1.5 मी तक होती है। इस पौधे के भूमिगत प्रकंदों व ऊपरी जड़ों से निकलने वाले शुष्क वानस्पतिक दूध को हींग के रूप में प्रयोग किया जाता है। कच्ची हींग का स्वाद लहसुन से मिलता जुलता होता है लेकिन इसे व्यंजन में पकाने के बाद यह खाने का स्वाद बढ़ा देती है।

हींग में सल्फर (Sulphur) अधिक मात्रा में होने के कारण इसकी गंध बहुत तेज होती है और स्वाद तीखा व कटु होता है। मगर आयुर्वेद (Ayurved) में जो हींग प्रयोग की जाती है वह हीरा हींग (Heera hing) होती है इस हींग को सबसे अच्छा माना जाता है। हींग चार प्रकार की होती हैं कंधारी हींग, यूरोपीय वाणिज्य हींग, भारतवर्षीय हींग और वापिंड हींग। हींग का रंग सफेद (White), हलका गुलाबी और पीला व सुरखी मायल जैसा होता है।

कैसे बनती है हींग (How asafetida prepared): पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले फेरूल फोइटिडा (Ferula Foetida) के पौधे से रस निकालकर उसे किसी बर्तन, पेड़ों की छाल या पत्तों में निकालकर सुखा लिया जाता है। सुखा लेने के बाद उसे या तो टुकड़ों में या चूर्ण के रूप में तोड़ कर बाजारों में बेचा जाता है।


चुटकी भर हींग के फायदे बड़े-बड़े:-

हींग की छोटी सी डिबिया में स्वास्थ्य संबंधी कितने ही गुण बंद होते हैं। रोजाना के खाने में चुटकी भर हींग इस्तेमाल करके खाने का जायका तो बढ़ाया ही जा सकता है, साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर बनता है। अक्सर हींग (Hing) का इस्तेमाल, दाल या सब्जी में तड़का लगाने में किया जाता है लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं (Ayurveda Medicine) में भी हींग का इस्तेमाल बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है। आइए जानते  हैं चुटकी भर हींग के बिभिन्न  स्वास्थ्य लाभ।

हींग खाने के फायदे  (Benefits Of Asafetida or Hing in Hindi):-

अपच को करती  है दूर (Indigestion):हींग में एंटी-इनफ्लेमटरी (Anti-inflammatory) और एंटी ऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण होते हैं तो खराब पेट, एसिडिटी, पेट के कीड़े, अपच, पेट के दर्द आदि समस्याओं में राहत पहुंचाते हैं। रोजाना हींग के इस्तेमाल से खाना सुपाच्य हो जाता है।


अनियमित पीरियड का होना  (Irregular Periods):-हींग में मौजूद एंटी इनफ्लैमेटरी गुण अनियमित पीरियड और पीरियड के दौरान होने वाली अन्य समस्याओं से निजात दिलाते हैं। इतना ही नहीं महिलाओं को होने वाली अन्य समस्याओं जैसे ल्यूकोरिया में भी राहत मिलती है।


कंजेस्शन से मिलती ही तुरंत राहत (Chest Congestion):-हींग में प्राकृतिक रूप से बलगम (Cough) को दूर करने की क्षमता होती है। हींग को शहद (Honey) और अदरक (Ginger) के साथ मिलाकर खाने से खांसी, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), चेस्ट कंजेस्शन आदि दूर होते हैं। हींग को एक बेहद शक्तिशाली श्वसन उत्तेजक कहा जाता है।


यौन समस्याओं में लाभकारी (Sexual Disease):-हींग का इस्तेमाल पुरूषों में शीध्रपतन, स्पर्म की कमी, नपुंसकता आदि के उपचार के लिए भी किया जाता है। रोजाना एक गिलास गर्म पानी में थोडी सी हींग मिलाकार पीने से शरीर में खून का दौरा तेज होता है और लिबिडो (Libido) भी बढ़ता है। रोज के खाने में हींग का इस्तेमाल सेक्स से जुडी समस्याओं को कम करता है।


हाई ब्लड प्रेशर को करता  है कंट्रोल (Control High Blood Pressure):-हींग में मौजूद कोमरिन्स (Coumarins) तत्व, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। यह खून को पतला करके खून का फ्लो बढ़ाता है जिससे खून के थक्के नहीं जमते। इससे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) घटता है, इसी कारण हाइपरटेंशन से बचाव होता है।


किसी भी प्रकार के दर्द से मिलती है तुरंत राहत  (Relief in pain):-हींग के सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार के दर्द से राहत मिलती है। दांत दर्द, माइग्रेन, पीरियड, या पेट दर्द, हींग में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक तत्व हर प्रकार के दर्द में राहत देते हैं।


ब्लड शुगर के लेवल को कम रखे (Decrease Blood Sugar Level):-हींग के एंटी-डायबिटक तत्व शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कम कर देते हैं। हींग इंसुलिन (Insulin) को छिपाने के लिए अग्नाशय की कोशिकाओं को उत्तेजित करती है जिससे ब्लड शुगर लेवल घटता है।


सावधानी हींग से (Precaution to Asafoetida in Hindi) :-

यूं तो हींग के फायदे ही फायदे हैं लेकिन जैसा कि कहा गया है अति किसी भी चीज की नुकसान ही देती है। इसके अलावा कुछ स्वास्थ्य समस्याएं और शारीरिक परिवर्तनों के समय भी हींग के सेवन को वर्जित बताया गया है। इतना ही नहीं हींग के सेवन कम मात्रा में किया जाना ही लाभप्रद होता है, एक बार में अधिक हींग का प्रयोग भी नुकसान देता है। हींग के अधिक प्रयोग से सीने में जलन (Heartburn) या एसिडिटी (Acidity), सिरदर्द, बर्पिंग या डकार (Burping), दस्त आदि समस्याएं देखी गई हैं।

क्यों नुकसानदायक होती है  हींग ?जब हींग के इतने फायदे हैं तो भला यह नुकसानदायक कैसे हुई? तो इसका जवाब है आयुर्वेद में। आयुर्वेद के अनुसार, हींग की तासीर बहुत गर्म होती है, जिसका अर्थ यह है कि इसके सेवन के बाद यह शरीर के अंदर गर्मी पैदा करती है। इसके गर्म स्वभाव के कारण के कारण ही इससे कुछ नुकसान देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं हींग के अन्य साइड इफेक्ट


गर्भावस्था और स्तनपान (Pregnancy & Breastfeeding):

हींग गर्भाशय के संकुचन का कारण हो सकती है और गर्भपात के लिए जिम्मेदार भी हो सकती है। इसलिए, गर्भावस्था में इसका सेवन असुरक्षित माना जाता है। हींग में मौजूद फेरयूलिक (Ferulic) एसिड और अन्य रसायन स्तन के दूध में विकार ला सकते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए यह शिशुओं में खून संबंधी विकारों को भी बढ़ा सकती है। इसलिए, गर्भावस्था के साथ स्तनपान में  भी हींग का उपयोग असुरक्षित है।

रक्तस्राव विकार ( Bleeding disorders):

हींग के बेहद गर्म होने के कारण खून बहने की संभावना बढ़ सकती है इसलिए  यदि आप खून से संबंधित किसी भी विकार से पीड़ित हैं तो हींग का प्रयोग न करें।

मिर्गी (Epilepsy)
मिर्गी के रोग के दौरान भी इसका प्रयोग नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए।

सर्जरी के पहले और बाद में (Before and after surgery):
हींग खून के बहने या रक्त के थक्का जमने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। इसलिए सर्जरी से कम से कम 14 दिनों पहले इसे लेना बंद कर देना चाहिए तथा सर्जरी के बाद चिकित्सक से बिना पूछे इस्तेमाल न करें।

अन्य साइड इफेक्ट (Other contraindications):

• पेट के छाले (बड़ी खुराक लेने पर)
• अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
• पेट खराब (Stomach upset

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